क्या है TOD टैरिफ?
उत्तर प्रदेश सरकार ने बिजली के उपभोग पर नया नियम लागू करने का प्रस्ताव पेश किया है, जिसे “टाइम ऑफ डे (TOD) टैरिफ” कहा जा रहा है। यह नया सिस्टम मुख्य रूप से घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर लागू होगा। किसानों को फिलहाल इस योजना से बाहर रखा गया है। इस प्रणाली के तहत, बिजली के रेट्स दिन और रात के हिसाब से अलग-अलग
क्या है TOD टैरिफ?
TOD एक ऐसी प्रणाली है, जिसमें बिजली की खपत के आधार पर रेट्स को समय के हिसाब से वर्गीकृत किया जाता है। उदाहरण के लिए:
- पिक आवर्स (Peak Hours): शाम 5 बजे से रात 11:30 बजे तक।
इन घंटों में बिजली का उपयोग महंगा होगा। - नॉन-पिक आवर्स (Non-Peak Hours): सुबह और दोपहर के समय।
इन घंटों में बिजली सस्ती होगी। TOD टैरिफ काम कैसे करेगा ? - Peak hours: इस दौरान बिजली की मांग अधिक होती है, जैसे शाम के समय जब लोग घर आते हैं और अधिक बिजली का उपयोग करते हैं।
- Non Peak hours: दिन के समय जब औसत खपत कम होती है।
योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जाए कि वे अपनी बिजली की खपत पिक टाइम से हटाकर नॉन-पिक टाइम में करें। इससे न केवल बिजली की मांग को संतुलित किया जा सकेगा, बल्कि ऊर्जा उत्पादन में आने वाली चुनौतियों को भी कम किया जा सकेगा।
हम बात करेंगे इसे होने वाले फ़ायदों के बारे में
- उपभोक्ताओं के लिए Incentive: Non-Peak hours में बिजली सस्ती होने से लोग इसे चुनने के लिए प्रेरित होंगे।
- ऊर्जा की बचत: बिजली का appropriate उपयोग होगा।
- ग्रिड पर दबाव कम होगा: Peak hours में अतिरिक्त बिजली की मांग कम होगी।
जितने इसके फ़ायदे हैं उतने ही नुक्सान भी हैं:
- बिजली महंगी हो जाएगी: पिक आवर्स के दौरान बिजली की कीमत 20% तक बढ़ सकती है।
- घरेलू उपयोग पर असर: ऐसे समय में जब बिजली की खपत अधिक होती है, जैसे शाम के समय, उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना होगा।
अब हम आपको बता दें कि उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा
- घरेलू और commercial उपयोगकर्ता, जो शाम को अधिक बिजली का उपयोग करते हैं, उन्हें अपनी खपत की योजना बनानी होगी।
- industries के लिए यह एक चुनौती बन सकता है, क्योंकि उनकी उत्पादन प्रक्रिया को समयबद्ध करना कठिन हो सकता है।
मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के ड्राफ्ट के अनुसार, इस सिस्टम को पूरे प्रदेश में लागू करने की योजना है। हालांकि, इसे अभी तक अंतिम मंजूरी नहीं मिली है। अगर यह प्रस्ताव स्वीकृत होता है, तो इसे सभी जिलों में लागू किया जाएगा।
बिजली क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि TOD सिस्टम ऊर्जा की खपत के तरीके को बदल सकता है। हालांकि, इसके सफल क्रियान्वयन के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक करना और उनके व्यवहार में बदलाव लाना बेहद जरूरी है।
TOD टैरिफ उत्तर प्रदेश में बिजली उपयोग को प्रभावी बनाने का एक प्रयास है। हालांकि, इसके फायदे और नुकसान दोनों हैं। सरकार और उपभोक्ताओं को इसे सही तरीके से लागू करने और अपनाने के लिए कदम उठाने होंगे।
